- 'उन्हें घंटों इंतजार न कराएं, केवल कार्यालय समय में ही पूछताछ करें', ईडी का अधिकारियों के लिए नया सर्कुलर

'उन्हें घंटों इंतजार न कराएं, केवल कार्यालय समय में ही पूछताछ करें', ईडी का अधिकारियों के लिए नया सर्कुलर

ईडी ने एक नया सर्कुलर जारी कर अपने अधिकारियों या जांच अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे समन पर बुलाए गए लोगों से विषम समय पर पूछताछ न करें। उनसे केवल कार्यालय समय के दौरान ही पूछताछ करें। उन्हें पूछताछ के लिए कार्यालय में घंटों इंतजार न करवाएं। ईडी ने यह सर्कुलर 11 अक्टूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जारी किया है।

पीटीआई: ईडी ने एक नया सर्कुलर जारी कर अपने अधिकारियों या जांच अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे समन पर बुलाए गए लोगों से विषम समय पर पूछताछ न करें। उनसे केवल कार्यालय समय के दौरान ही पूछताछ करें। उन्हें पूछताछ के लिए कार्यालय में घंटों इंतजार न करवाएं। ईडी ने यह सर्कुलर 11 अक्टूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जारी किया है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को ऐसा आदेश जारी करने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि ईडी ने उसे समन किया, रात भर हिरासत में रखा और उससे पूछताछ की। हाईकोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता को पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस बुलाया गया और इंतजार करवाया गया।

'जांच अधिकारियों को सर्कुलर जारी करें'

हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि व्यक्ति का बयान विषम समय पर दर्ज करने से निश्चित रूप से उसकी नींद प्रभावित होती है, जो उसका मूल मानवाधिकार है। कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया था कि वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत समन जारी करने के बाद लोगों के बयान दर्ज करने के संबंध में जांच अधिकारियों को सर्कुलर जारी करे।

न्यायमूर्ति पृथ्वीराज के. चव्हाण और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की हाईकोर्ट की पीठ ने 14 अक्टूबर को याचिका का निपटारा करते हुए अपने आदेश में ईडी को सर्कुलर अपनी वेबसाइट और एक्स हैंडल पर डालने को कहा। ईडी ने कोर्ट को बताया कि उसने इस संबंध में 11 अक्टूबर को नया सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में कहा गया है कि ईडी अधिकारी या जांच अधिकारी को तय तिथि और समय पर बुलाए गए व्यक्ति से पूछताछ के लिए प्रश्नावली के साथ-साथ दस्तावेज की प्रतियां भी तैयार रखनी होंगी।

'दिनांक पर ही पूछताछ के लिए बुलाया जाना चाहिए'

जांच अधिकारी को समन के अनुपालन के लिए दिनांक और समय तय करते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस व्यक्ति को समन भेजा गया है, उसे घंटों इंतजार कराए बिना तय दिनांक और समय पर पूछताछ के लिए बुलाया जाए।

जांच अधिकारी मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों को ध्यान में रखते हुए समन किए गए व्यक्ति से यथाशीघ्र या उसी दिन या अगले दिन पूछताछ पूरी करने का प्रयास करेगा, क्योंकि ऐसे मामलों में आरोपी ऑनलाइन टूल का उपयोग करके या मोबाइल फोन या अन्य डिजिटल माध्यम का उपयोग करके अवैध रूप से प्राप्त धन को स्थानांतरित या छिपा सकता है।

कार्यालय समय के बाद भी बयान दर्ज किया जा सकता है

वह डिजिटल साक्ष्य को नष्ट भी कर सकता है। समय से पहले पूछताछ करने से समन किए गए व्यक्ति द्वारा अपराध की आय को स्थानांतरित या छिपाने या मनगढ़ंत स्पष्टीकरण देने की संभावना कम हो जाती है। असाधारण परिस्थितियों में, जहां जांच अधिकारी के पास विश्वसनीय सूचना हो कि यदि व्यक्ति को जांच पूरी किए बिना छोड़ दिया गया तो वह या तो अपराध की आय को नष्ट कर देगा या साक्ष्य नष्ट कर देगा तथा फरार हो जाएगा, तो जांच अधिकारी मामले की फाइल पर कारण दर्ज करने तथा वरिष्ठ अधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करने के पश्चात कार्यालय समय के बाद भी बयान दर्ज कर सकता है।

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