- 'विपक्षी सांसदों ने जेपीसी प्रमुख जगदंबिका पाल को दी धमकी', तेजस्वी सूर्या का बड़ा आरोप

'विपक्षी सांसदों ने जेपीसी प्रमुख जगदंबिका पाल को दी धमकी', तेजस्वी सूर्या का बड़ा आरोप

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद तेजस्वी सूर्या ने विपक्षी सदस्यों पर आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने वक्फ संशोधन विधेयक पर पैनल की बैठक के दौरान संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और एक गवाह जगदंबिका पाल को धमकाया है। भाजपा सांसद ने दावा किया कि विपक्षी सांसदों ने कार्यवाही को बाधित किया है।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद तेजस्वी सूर्या ने विपक्षी सदस्यों पर आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और एक गवाह जगदंबिका पाल को पैनल की बैठक के दौरान धमकाया है।

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेजस्वी सूर्या ने एक पत्र लिखकर कहा है, विपक्षी सांसदों ने 14 अक्टूबर को असंसदीय व्यवहार किया, जब समिति ने कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपड्डी को कर्नाटक में भूमि घोटाले पर उनके विचार सुनने के लिए बुलाया था।

'विपक्षी सांसदों ने धमकाया'

अपने पत्र में भाजपा सांसद ने दावा किया कि विपक्षी सांसदों ने कार्यवाही में बाधा डाली और जेपीसी अध्यक्ष तथा गवाह दोनों को मौखिक रूप से धमकाया तथा समिति के दस्तावेज भी फाड़ दिए। सूर्या ने आगे कहा, "वे उस स्थान पर भी गए जहां गवाह तथा अध्यक्ष बैठे थे, उन दोनों को शारीरिक रूप से धमकाने का प्रयास किया, उनके द्वारा बनाए गए नोट तथा कागजात छीनकर फाड़ दिए।"

'विपक्षी सांसदों ने बैठक छोड़ दी'

तेजस्वी सूर्या ने यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि वे बैठक में उपस्थित अन्य सदस्यों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करते हुए बैठक से चले गए। सूर्या ने अध्यक्ष से विपक्षी सदस्यों को आचरण तथा संसदीय शिष्टाचार के नियमों का पालन करने का निर्देश देने तथा इस अनियंत्रित तथा असंसदीय व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया।

वक्फ भूमि पर बिक्री का आरोप

सूर्या ने कहा, "अपने वक्तव्य के दौरान मणिपड्डी ने अपने कार्यकाल के दौरान 2012 में प्रस्तुत एक रिपोर्ट पर चर्चा की।" साथ ही इस रिपोर्ट में करीब 2,000 एकड़ वक्फ की जमीन पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण या बिक्री का आरोप है।

वक्फ बोर्ड क्या है?

वक्फ बोर्ड दरअसल मुस्लिम समुदाय की जमीनों पर नियंत्रण के लिए बनाया गया था। वक्फ का मतलब है 'अल्लाह के नाम पर', यानी ऐसी जमीनें जो किसी संस्था के नाम पर न हों। साथ ही वक्फ बोर्ड में एक सर्वेयर होता है। वह तय करता है कि कौन सी संपत्ति वक्फ की है और कौन सी नहीं। इस निर्धारण के तीन आधार हैं- अगर किसी ने अपनी संपत्ति वक्फ को हस्तांतरित कर दी है, अगर कोई मुस्लिम या मुस्लिम संस्था लंबे समय से जमीन का इस्तेमाल कर रही है या फिर सर्वे में जमीन वक्फ की संपत्ति साबित हो जाती है।

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