- रजत शर्मा बने 'उद्गार युवा महोत्सव 2024' के मुख्य अतिथि, युवाओं को दिया ये संदेश

रजत शर्मा बने 'उद्गार युवा महोत्सव 2024' के मुख्य अतिथि, युवाओं को दिया ये संदेश

UDGAAR यूथ फेस्टिवल 2024 में युवाओं को संबोधित करते हुए इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने कहा कि डीयू में आकर मुझे घर वापस आने जैसा लगता है।

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में शुक्रवार से भारत को 'नशा मुक्त' बनाने का अभियान शुरू हो गया है। इसके लिए इस्कॉन और दिल्ली विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से 'UDGAAR यूथ फेस्टिवल 2024' का आयोजन किया गया। इस फेस्टिवल में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए रजत शर्मा ने कहा कि डीयू में आकर मुझे घर वापस आने जैसा लगता है। उन्होंने कहा कि आज खुशी की बात है कि इतने सारे युवा नशे के खिलाफ जंग में शामिल हुए हैं।

'नशा आज एक बड़ी चिंता का विषय है'

युवाओं को संबोधित करते हुए रजत शर्मा ने कहा, 'नशा आज एक बड़ी चिंता का विषय है, लेकिन अगर हमारे देश के युवा इस लत के खिलाफ खड़े हैं, तो इससे मेरी चिंता कम हो जाती है। अगर आज के युवाओं के लिए कोई सबसे बड़ा रोल मॉडल है, तो वह भगवान श्री कृष्ण हैं। भगवान श्री कृष्ण के चरित्र जैसा कोई चरित्र नहीं है। अगर किसी को नशा करना है तो भगवान श्री कृष्ण की भक्ति का नशा करना चाहिए। मुझे खुशी है कि इस्कॉन ने आप जैसे छात्रों के बीच यह कार्यक्रम आयोजित किया।'

'मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं टीवी पर आऊंगा'

रजत शर्मा ने कहा, 'मैंने एसआरसीसी से पढ़ाई की है, इसीलिए आज मैं इस मुकाम पर पहुंचा हूं। जिंदगी जितनी टीवी पर दिखती है, उतनी अच्छी नहीं है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी टीवी पर आऊंगा। मेरा बचपन बहुत गरीबी में बीता। हमारा 10 लोगों का परिवार सब्जी मंडी में एक छोटे से कमरे में रहता था। बारिश में छत टपकती थी, पानी बाहर से लाना पड़ता था। पास के रेलवे स्टेशन पर लाइट थी, मैं वहां पढ़ने जाता था। मैं आपको यह सब इसलिए बता रहा हूं ताकि आप भी मेहनत करें। कुछ करने का सपना देखें। कुछ बनने का नहीं, कुछ करने का सपना देखें।'

'बाबूजी ने कहा था, अभाव में खुश रहना चुनौती है' इंडिया टीवी के चेयरमैन ने कहा, 'एक दिन मैंने बाबूजी से कहा कि आप खुश रहने को कहते हैं, लेकिन मैं इतने अभाव में कैसे खुश रह सकता हूं? तब बाबूजी ने कहा कि अभाव में खुश रहना चुनौती है। सभी सुख-सुविधाएं पाकर हर कोई खुश है। मेरा मानना ​​है कि हमारे देश की मिट्टी में गरीब से गरीब व्यक्ति को अवसर देने की ताकत है।

 

इस देश की मिट्टी ने एक गरीब चायवाले को भी प्रधानमंत्री बना दिया। हमारे घर में टीवी नहीं था। हम टीवी देखने के लिए पड़ोसी के घर जाते थे। एक दिन जब मैं टीवी देखने के लिए पड़ोसी के घर गया तो उन्होंने खिड़की बंद कर दी। जब मैंने यह बात बाबूजी को बताई तो उन्होंने कहा कि कुछ ऐसा करो कि तुम टीवी पर आओ और दुनिया तुम्हें देखे।'

'दिल्ली यूनिवर्सिटी ने मेरी किस्मत बदल दी' दिल्ली यूनिवर्सिटी में बिताए दिनों को याद करते हुए रजत शर्मा ने कहा, 'इस दिल्ली यूनिवर्सिटी ने मेरी किस्मत बदल दी। इस यूनिवर्सिटी ने मुझे सपने देखने के लिए रात भर जागना सिखाया। कई बार युवा पूछते हैं कि हम नशे को क्यों नहीं रोक पा रहे हैं? पंजाब इसका उदाहरण है। परिवार बर्बाद हो रहे हैं। डर है कि कहीं हमारे युवा नशे की लत में न खो जाएं। लेकिन जब मैं आपको इतनी बड़ी संख्या में देखता हूं तो यह डर खत्म हो जाता है। एक उम्मीद जगती है।'

'भगवान कृष्ण की भक्ति में ही असली आनंद है'

रजत शर्मा ने युवाओं से भगवान कृष्ण की भक्ति करने की अपील करते हुए कहा, 'हमारे मन में दो बातें साफ हैं। दर्द और खुशी अलग-अलग हैं, लेकिन दवा निर्माताओं ने बताया है कि दर्द में ही आनंद है। मैं युवाओं से कहना चाहूंगा कि असली आनंद भगवान कृष्ण की भक्ति में है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मीडिया के माध्यम से मैं आपकी मुहिम को दुनिया में जहां भी जरूरत होगी, वहां ले जाऊंगा।'

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