Bhopal News: एम्स भोपाल में 12 अगस्त से एंटी-रैगिंग सप्ताह मनाया जा रहा है। रैगिंग के परिणाम न केवल पीड़ितों के लिए बल्कि रैगिंग लेने में शामिल लोगों के लिए गंभीर हो सकते हैं।
यह बात एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक डॉ अजय सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कही। बताते चलें कि एम्स में एंटी रैगिंग सप्ताह 18 अगस्त तक मनाया जा रहा है। इसी दौरान शुक्रवार 16 अगस्त को एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ) अजय सिंह ने एमबीबीएस 2023 और बीएससी नर्सिंग 2023 बैच के नए छात्रों को संबोधित किया। प्रो. सिंह ने संस्थान की रैगिंग के प्रति जीरो-टॉलरेंस नीति पर चर्चा करते हुए रैगिंग क्या होती है, इसके बारे में विस्तार से छात्रों को बताया।
उन्होंने रैगिंग के विभिन्न रूपों, जैसे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न, पर भी चर्चा की और यूजीसी के दिशानिर्देशों के तहत रैगिंग में शामिल पाए जाने पर छात्रों के विरूद्ध की जाने वाली दंडातमक कार्यवाही के बारे में भी बताया। प्रो. सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, कि रैगिंग के परिणाम न केवल पीड़ितों के लिए बल्कि रैगिंग लेने में शामिल लोगों के लिए भी गंभीर हो सकते हैं।
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उन्होंने परिसर में एक सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया, जहां आपसी सम्मान और गरिमा का पालन किया जाए। उन्होंने सभी छात्रों को बताया कि किसी भी प्रकार की रैगिंग में शामिल होना सख्त वर्जित है और इस पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन या संस्थान से निष्कासन भी हो सकता है।
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एम्स भोपाल में एंटी-रैगिंग सप्ताह के दौरान जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशालाएं और इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य छात्रों को रैगिंग के खतरों के बारे में शिक्षित करना और छात्रों के बीच सम्मान और सद्भाव की संस्कृति को बढ़ावा देना है।