वाराणसी में 20 वर्षीय मैनेजर युवती ने बाल झड़ने की समस्या के चलते आत्महत्या कर ली। वह बाल झड़ने की समस्या से काफी परेशान थी। उसने कई घरेलू उपाय आजमाए और डॉक्टरों से भी सलाह ली। इसके बाद भी बाल झड़ना बंद नहीं हुआ। इससे वह डिप्रेशन में चली गई।
वाराणसी: पता नहीं आजकल की युवा पीढ़ी किस वजह से डिप्रेशन में चली जाती है। जब तक परिवार को मामले की गंभीरता समझ में आती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसा ही एक मामला वाराणसी में सामने आया, जब 20 वर्षीय युवती बाल झड़ने की समस्या से परेशान थी। इससे परेशान होकर युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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श्रेया ने कई दिनों तक घरेलू उपाय आजमाए और डॉक्टर से भी सलाह ली, लेकिन बाल झड़ने की समस्या दूर नहीं हुई। परिजनों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि युवती ने इसे इतनी गंभीरता से ले लिया कि उसने अपनी जान दे दी।
पुलिस ने बताया कि मूल रूप से बलिया के चितबड़ागांव निवासी श्रेया सिंह वाराणसी के लालपुर स्थित प्रज्ञापुरी कॉलोनी में रहती थी। शुक्रवार को श्रेया घर पर अकेली थी। उसका छोटा भाई किसी काम से बाहर गया था। जब वह लौटा तो देखा कि मुख्य दरवाजा खुला था। अंदर जाने पर छोटे भाई ने खिड़की से देखा कि श्रेया पंखे से लटकी हुई थी और अंदर का दरवाजा बंद था।
श्रेया के पिता धनोज सिंह लमही के लालपुर इलाके में किराए के मकान में रहते थे। श्रेया के पिता और आसपास के लोगों ने बताया कि श्रेया पिछले एक साल से सिर के आगे के बाल पतले होने से परेशान थी। हम उसे डॉक्टर के पास भी ले गए थे लेकिन बालों का झड़ना कम नहीं हुआ।
श्रेया के पिता धनोज सिंह गुटखा कंपनी में काम करते थे। श्रेया ने 25 तारीख को ही नौकरी बदली थी। वह एक स्थानीय मेगाशॉप में फ्लोर मैनेजर के पद पर काम करने लगी थी। श्रेया के साथ काम करने वालों ने भी बताया कि श्रेया अपने झड़ते बालों से परेशान थी। हादसे के बाद पिता शव को अंतिम संस्कार के लिए बलिया के चित्रकूट देहात स्थित अपने पैतृक घर उसरौली गांव ले गए।