यूपी में उपचुनाव: फैजाबाद सीट पर लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब इस लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। इस सीट की सीधी कमान सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाल ली है।
लोकसभा चुनाव में अयोध्या में हार को लेकर देशभर में आलोचना झेलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर उपचुनाव की कमान अपने हाथों में ले ली है। इस सीट का चुनावी एजेंडा सेट करते हुए उन्होंने हिंदुत्व के साथ राष्ट्रवाद का दांव भी खेला है। यह वही सीट है, जहां से सपा विधायक अवधेश प्रसाद अब भाजपा को हराकर सांसद बन गए हैं। सीएम ने पड़ोसी जिले अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट की चुनौती भी स्वीकार कर ली है।
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आध्यात्मिक पीठ अशर्फी भवन की पहल पर योगी ने इस क्षेत्र के मतदाताओं को नए राम मंदिर की सौगात सौंपी है। साथ ही हर घर तिरंगा अभियान में जनभागीदारी का आह्वान कर उन्होंने यहां के लोगों में देशभक्ति की भावना भी जगाने की कोशिश की है। इस सीट के सहारे यहां के युवाओं को एक नए विश्वविद्यालय की सौगात देने की भी तैयारी है। तीन दिन पहले सीएम दो दिवसीय अयोध्या दौरे पर आए थे, तब अशर्फी भवन के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य ने उन्हें अयोध्या विद्यापीठ आने का निमंत्रण दिया था।
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थित इस विद्यापीठ के परिसर में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होनी थी। इसके अलावा ब्रह्मलीन जगदाचार्य स्वामी मधुसूदनाचार्य और जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी माधवाचार्य की प्रतिमा का अनावरण होना था। अयोध्या से लौटने के महज दो दिन बाद होने वाले इस समारोह में शामिल होने के लिए सीएम ने तुरंत अपनी सहमति दे दी।
इसके बाद आनन-फानन में तैयारियां की गईं। यहां आने के लिए सीएम ने शनिवार को अपने पूर्व प्रस्तावित कुछ कार्यक्रमों को भी स्थगित कर दिया। इसका जिक्र उन्होंने अपने संबोधन में भी किया। इस तरह मिल्कीपुर के नए राम मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा उनके हाथों से हुई। अब यह मंदिर यहां के लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बनेगा।
अशर्फी भवन के पीठाधीश्वर श्रीधराचार्य ने अमर उजाला को बताया कि सात साल पहले सीएम की प्रेरणा से बने इस विद्यापीठ तक पहुंचने वाली सड़क भी उनके सहयोग से बनी। पेयजल के लिए पानी की टंकी बनी। इसका लाभ आसपास के 25 गांवों की आबादी को मिल रहा है। अब सीएम मिल्कीपुर क्षेत्र में विश्वविद्यालय बनाना चाहते हैं। इसके लिए उनकी पीठ अपनी 23 एकड़ जमीन देने को तैयार है। इससे क्षेत्र के युवाओं की तकदीर बदलने में मदद मिलेगी।