तारासेवनिया के आंचल बालगृह से 26 बच्चियों के गायब होने की सूचना के बाद हडक़ंप मच गया था। हालांकि बाद में बच्चियां स्वजन के पास मिल गई थीं लेकिन बालगृह बिना अनुमति चलने का खुलासा हुआ था। आंचल बालगृह प्रकरण सामने के आने के बाद आयुक्त पवन शर्मा और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बालगृह का निरीक्षण किया था। प्रारंभिक जांच में अनियमितता पाए जाने के बाद कलेक्टर ने जांच के लिए तीन कमेटियां बनाई थीं। कमेटियों में से एक ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आ गई है जिसमें संचालन विदेशी फंडिंग से होना पाया गया है। इस बालगृह को जर्मनी से फंडिंग की जा रही थी, कब-कब कितनी फंडिंग और इसका उपयोग कहां-कहां किया गया इसकी विस्तृत जांच कराई जा रही है। अनुमतियों की जांच के दौरान संचालकों ने 2019 की एक अनुमति दिखाई है। अनुमति सही है कि नहीं इसका पता नहीं है।