- चित्रकार हरिओम की कला यात्रा

चित्रकार हरिओम की कला यात्रा


धार।  यात्रा प्रकृति की हो या ग्रह नक्षत्रो की, उसकी एक गति होती है। एक उद्देश्य होता है , उसी प्रकार कलाकार हरिओम पाटीदार की कला यात्रा एक गतिपूर्ण उद्देश्य के साथ यात्रा कर रही है। यात्रा शीर्षक की कला प्रदर्शनी धार शहर मे शासकीय ललित कला महाविद्यालय, मांडूरोड घोडा चौपाटी परिसर मे दिनांक 31/12/2023 को तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी का शुभारंभ परम श्रद्धेय आदरणीय डाॅ. नृसिंहदास जी महाराज के मुख्य आतिथ्य मे किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा पहले दीप प्रज्वलन किया गया। उसके बाद कलाकार हरिओम ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया, और प्रदर्शनी का अवलोकन कराया। डाॅ. नृसिंहदास जी  ने अपने  उद्धबोधन मे कला के प्रागैतिहासिक युग से लेकर आधुनिक युग की कला पर प्रकाश डाला। तथा हरिओम के चित्रो मे सामाजिक और लोक आकारो की प्रस्तुतीकरण की प्रशंसा की।

 

 

उन्होंने हरिओम द्वारा प्रदर्शित स्थापन कला(इंस्टाॅलेशन आर्ट) को देखकर प्रशंसापूर्ण शब्दो मे कहा कि कलाकार समाज का दर्पण होता है, जो अपने आसपास के विषयो को अपनी कला का विषय बनाकर समाज के प्रति अपना उत्तरदायित्व पूर्ण करता है। समाज का भी उत्तरदायित्व है कि वह कलाकार की कला रचना का भी सम्मान करे। इस अवसर पर भोज शोध संस्थान के निदेशक डाॅ. दीपेन्द्र शर्मा भी उपस्थित  रहे। उन्होने कहा कि समाज को हरिओम जैसे कलाकारो की आवश्यकता है, जो वर्तमान समय की सामाजिक स्थितियो को अपनी कला के द्वारा हम सबको दिखा रहे है। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन अनूप श्रीवास्तव द्वारा किया गया। 

कला चर्चा


प्रदर्शनी के दूसरे दिन कला चर्चा का आयोजन रखा गया, जिसमे इन्दौर से पधारे चित्रकार अवधेश यादव एवं धार  से अनूप श्रीवास्तव थे। दोनो कलाकारो का स्वागत हरिओम द्वारा पुष्पगुच्छ देकर किया गया। दोनो अतिथि कलाकारो ने कला पर अपने-अपने अनुभव बताए। उन्होंने वर्तमान समय मे घटित कला परिदृश्य पर अपने विचार बेबाकी से रखे। इस दौरान कला परिचर्चा मे शामिल कला छात्र-छात्राओ द्वारा भी अतिथि कलाकारो से प्रश्न किए गए।

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