इंदौर की आयुषी शुक्ला और ग्वालियर की वैष्णवी शर्मा अपने खेल कौशल से भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हो गई हैं। दोनों बेटियां अपने प्रदर्शन से टीम में जीत का तांता लगाने को तैयार हैं। आयुषी और वैष्णवी दोनों ही ज्योतिषी परिवारों से ताल्लुक रखती हैं।
मध्य प्रदेश के दो साधारण ब्राह्मण परिवार, जहां वेदों की ऋचाएं, कर्मकांड और ज्योतिष दैनिक जीवन का हिस्सा और आजीविका का साधन हैं। सितारों की चाल मापकर आम लोगों की जिंदगी आसान बनाने वाले इन परिवारों की बेटियां अब आम लोगों के लिए सितारा बन गई हैं।
इंदौर की आयुषी शुक्ला और ग्वालियर की वैष्णवी शर्मा अपने खेल कौशल से भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हो गई हैं। जिस चुनौती के लिए उनका चयन हुआ है, वह अंडर-19 महिला टी-20 विश्व कप है। दोनों बेटियां अपने प्रदर्शन से टीम में जीत का मंत्र भरने के लिए तैयार हैं।
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के स्टैंडबाय में शामिल किया गया है। आयुषी के पिता लालजी शुक्ला पंडित का काम करते हैं। एक बार वे भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान संध्या अग्रवाल के घर पूजा के लिए गए थे, तो उन्होंने उन्हें अपनी बेटी को क्रिकेटर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। फिलहाल वे देवाशीष निलोसे के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत कर रही हैं।
भारतीय टीम तक का सफर खिलाड़ियों के साथ-साथ उनके परिवारों के त्याग का भी रहा। देवगुराड़िया क्षेत्र से जिमखाना मैदान की दूरी करीब 8 से 10 किमी है। पिता लालजी कहते हैं, पहले आयुषी साइकिल से जाती थी, लेकिन अब मैं या उसका भाई हमारे साथ जाते हैं। जब तक उसकी प्रैक्टिस चल रही होती है, हम मैदान पर ही रहते हैं।
अनादी की मां दीप्ति क्रिकेटर रही हैं। नौ साल की उम्र में जब वे अंडर-19 टीम में चयन के लिए गईं, तो चयनकर्ताओं ने कहा कि इतनी छोटी बच्ची क्रिकेट कैसे खेलेगी। वह आधे घंटे धूप में खड़ी नहीं हो पाएगी। इस पर अनादी आधे घंटे धूप में खड़ी रहीं और फिर टीम में चयनित हुईं। हाल ही में अनादी को साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए भारतीय टीम में जगह मिली है।
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ग्वालियर की वैष्णवी शर्मा का घर सीधे तौर पर खेल या क्रिकेट से नहीं जुड़ा रहा है। पिता नरेंद्र शर्मा पेशे से ज्योतिषी हैं और जीवाजी यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं। लेकिन बेटी क्रिकेटर बनना चाहती थी, इसलिए पूरे परिवार ने उसका साथ दिया।
इससे पहले भोपाल की सौम्या तिवारी भारतीय अंडर-19 टीम में खेल चुकी हैं। इंदौर की संध्या अग्रवाल भारतीय महिला टीम की कप्तान रह चुकी हैं। इनके अलावा चित्रा बाजपेयी, बिंदेश्वरी गोयल, अरुंधति किरकिरे, बबीता मांडलिक, निधि बुले, रूपांजलि शास्त्री, रेखा पुणेकर, राजेश्वरी ढोलकिया, राजेश्वरी गोयल, ज्योत्सना पटेल, रीता पटेल, मिनोती देसाई भी भारतीय टीम का हिस्सा रह चुकी हैं। ये सभी इंदौर की हैं। सिंगरौली की नुजहत परवीन भी भारत के लिए खेल चुकी हैं। शहडोल की पूजा वस्त्रकार भारतीय सीनियर टीम की सदस्य हैं।
आयुषी और अनादि दोनों ही प्रतिभाशाली हैं। हम लड़कियों को अभ्यास कराकर लड़कों के खिलाफ मैच खेलने के लिए तैयार करते हैं। उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर दिया गया, ताकि वे हर परिस्थिति में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। - देव आशीष निलोसे (कोच)