मध्य प्रदेश के दमोह में सोन नदी के पुल के पास सोमवार सुबह एक बस अचानक पलट गई। बस में 17 लोग सवार थे जो सिवनी से मथुरा तीर्थ यात्रा पर जा रहे थे। बस पलटने से 9 लोग घायल हो गए, जिनमें से दो यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के नोहटा थाना अंतर्गत सोन नदी के पुल के पास सोमवार तड़के एक बस पलट गई। हादसे में 17 यात्रियों में से 9 घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए दमोह के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें जबलपुर रेफर किया गया है।
घटना के संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने बताया कि सिवनी जिले के लखनादौन से मिनी ट्रैवल्स की बस में सवार होकर मथुरा तीर्थ यात्रा पर जा रहे यात्रियों की बस पलट गई। यह हादसा सोमवार सुबह करीब 4 बजे नोहटा थाना अंतर्गत पुल के पास हुआ।
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इससे बस में सवार 17 यात्रियों में से 9 घायल हो गए। इनमें से दो घायलों की हालत गंभीर होने पर उन्हें इलाज के लिए जबलपुर रेफर कर दिया गया। बाकी यात्रियों को मामूली चोटें आने पर जिला अस्पताल में इलाज कराया गया।
दमोह जिले में सड़क हादसे लोगों की चिंता बढ़ाने वाले हैं। इस वर्ष 2024 में इन 11 महीनों के बीच 266 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और हर महीने सड़क हादसों में 24 से अधिक मौतें हो रही हैं। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त आंकड़े डराने वाले हैं और इन आंकड़ों के अनुसार जनवरी से नवंबर तक इन 11 महीनों में जिले में करीब 914 सड़क हादसे हो चुके हैं।
इन हादसों में 1012 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। हालांकि पुलिस सड़क हादसों को गंभीरता से ले रही है और इन घटनाओं को रोकने के लिए उनके द्वारा आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
कि पूर्व में सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात सुरक्षा सप्ताह पखवाड़ा आदि मनाया गया, कई बार सड़क सुरक्षा समितियों की बैठकें भी हुईं। लेकिन इस बैठक में लिए गए निर्णय को लागू करने की ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया।
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इसके कारण दुर्घटनाओं पर नियंत्रण नहीं हो पाया है तथा हर एक-दो दिन में विभिन्न सड़कों पर लापरवाही से वाहन चलाने के कारण वाहन आपस में टकराते रहते हैं तथा लोग घायल होते रहते हैं तथा कई गंभीर रूप से घायल लोगों की जान बचाना मुश्किल हो गया है तथा कई घायल लोगों को सड़क पर ही दम तोड़ना पड़ा है।
फिलहाल यातायात पुलिस तथा पुलिस द्वारा इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों के कारण इन पर नियंत्रण की उम्मीद बढ़ गई है।
इस वर्ष के इन 11 महीनों में सबसे अधिक दुर्घटनाएं नवंबर तथा मार्च महीने में हुई पाई गई हैं। नवंबर महीने में 107 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें करीब 30 लोगों की मौत हुई है।
इसी प्रकार मार्च महीने में 101 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं तथा इन सड़क दुर्घटनाओं में 39 लोगों की जान गई है। शेष महीने भी सड़क दुर्घटनाओं से भरे हुए हैं, जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दुर्घटनाएं होती रहती हैं तथा लोगों की जान बचाना मुश्किल साबित हुआ है।
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जनवरी में जहां 71 दुर्घटनाएं हुई, वहीं फरवरी में 79 सड़क दुर्घटनाएं हुई। इसी तरह मार्च में 101, अप्रैल में 74, मई में 100, जून में 98, जुलाई में 50, अगस्त में 72, सितंबर में 83, अक्टूबर में 79 और नवंबर में जिले के विभिन्न स्थानों पर 107 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं।
जानकारी के अनुसार सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में लिए गए निर्णयों का पालन न करना, भारी वाहनों और लोडिंग वाहनों को सड़क किनारे लापरवाही से खड़ा करना, तेज गति से वाहन चलाना, शराब के नशे में वाहन चलाना, अंधे मोड़ पर वाहन चलाने में लापरवाही, सड़कों पर सिग्नल का न होना, सड़कों की खराब स्थिति भी कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनती है।
सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों की मानें तो सड़क दुर्घटनाओं के लिए न केवल यातायात नियमों का पालन न करना जिम्मेदार है, बल्कि चौराहों की तकनीकी खामियां, सड़कों पर मवेशियों की बढ़ती संख्या आदि भी सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।