- डिजिटल गिरफ्तारी: मदरसे में जमा हुए करोड़ों के साइबर शेयर, कनाल से मैनेजर और डिप्टी डायरेक्टर गिरफ्तार

डिजिटल गिरफ्तारी: मदरसे में जमा हुए करोड़ों के साइबर शेयर, कनाल से मैनेजर और डिप्टी डायरेक्टर गिरफ्तार

इंदौर क्राइम ब्रांच ने कन्नौज के मदरसा समिति के पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जो साइबर अपराधियों से सांठगांठ करके ठगी की रकम इकट्ठा कर रहे थे। आरोपियों ने फर्जी खातों का इस्तेमाल कर 40 लाख रुपए ट्रांसफर किए और VPN का इस्तेमाल कर अपनी लोकेशन छिपाई। पुलिस जांच जारी है।

डिजिटल गिरफ्तारी की घटना में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। क्राइम ब्रांच ने कन्नौज (यूपी) से मदरसा कमेटी के पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी साइबर अपराधियों से मिलीभगत कर ठगी की रकम कमेटी के खातों में जमा करा रहे थे। इनके तार विदेश में बैठे अपराधियों से जुड़े होने की आशंका है।

अपराधियों ने वीपीएन का किया इस्तेमाल

मुख्य आरोपी ने जांच एजेंसी से बचने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल किया। एडिशनल डीसीपी (क्राइम) राजेश दंडोतिया के मुताबिक छाया 11 सितंबर को साइबर क्राइम का शिकार हुई थी। आरोपियों ने छाया को दो दिन तक डिजिटल तरीके से बंधक बनाकर दो खातों में 46 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए थे।

आरोपी मदरसा चलाता था

विशेषज्ञों ने मामले की जांच की और शुक्रवार को सतोरा कन्नौज (यूपी) से अली अहमद खान और उसके बेटे असद अहमद खान को गिरफ्तार कर लिया। एडीसीपी के मुताबिक, आरोपी सतोरा गांव में 'फलाह दारीन मसर्सा' चलाते हैं। 69 वर्षीय अली मदरसा कमेटी के प्रबंधक हैं और असद अहमद सह-प्रबंधक हैं।

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मदरसे के खाते में ठगी की रकम

आरोपी ने कमेटी के खाते में आरटीजीएस के जरिए 40 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। पूछताछ में सह प्रबंधक ने साइबर अपराधियों के साथ मिलकर देशभर में ठगी करने की बात स्वीकार की। आरोपी खाते उपलब्ध कराने के बदले जमा रकम पर 50 फीसदी कमीशन लेता था।

पुलिस ने शनिवार दोपहर अली को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया, जबकि असद अहमद को 10 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उसके फोन की फोरेंसिक विशेषज्ञों से जांच कराई जा रही है। पुलिस जांच के लिए आयकर और ईडी को भी पत्र लिखेगी।

असद अहमद ने चीन के नेटवर्क का किया इस्तेमाल

पुलिस को आरोपी असद अहमद के फोन में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) एप मिला है। आरोपी असद अहमद शंघाई (चीन) के नेटवर्क का इस्तेमाल करता था। इसके चलते जांच एजेंसियां ​​उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर सकीं।

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पूछताछ में उसने बताया कि कुछ महीने पहले फेसबुक पर उसकी मुलाकात जम्मू-कश्मीर के एक युवक से हुई थी। उसके निर्देश पर वह कमीशन पर खाते मुहैया करा रहा था। पुलिस आगे की कड़ियों की जांच कर रही है। आशंका है कि डिजिटल के मुख्य आरोपी विदेश में बैठे हैं। आरोपी सेंडर एप का भी इस्तेमाल कर रहा था।

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खाते खुलते ही अलग-अलग शहरों से आए डेढ़ करोड़

 डीसीपी के मुताबिक आरोपी के कुल नौ खातों की जानकारी मिली है। सभी खाते वारदात से 15 दिन पहले खोले गए थे। इससे साफ है कि खातों का इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया है। उसके एक खाते में एक दिन में अलग-अलग शहरों से डेढ़ करोड़ रुपये जमा हुए हैं।

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असद ने केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान के खातों में पैसे भेजे हैं। चेन्नई, नासिक, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों की पुलिस भी आरोपी की तलाश कर रही है। गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही जांच एजेंसियां ​​सतर्क हो गई हैं।

 

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