बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने करेंसी नोटों से शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटाकर उसकी जगह जुलाई विद्रोह के प्रतीक लगा दिए हैं। बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव और छात्र विरोध प्रदर्शनों ने इस बदलाव में अहम भूमिका निभाई है। यह फैसला मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में लिया गया है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने विवादित कदम उठाते हुए करेंसी नोटों से शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटा दी है। शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम का नेता और राष्ट्रपिता माना जाता है। करेंसी से उनकी तस्वीर हटाना चौंकाने वाला है।
नई करेंसी पर 'जुलाई विद्रोह' से जुड़ी तस्वीरें होंगी, जो बांग्लादेश में छात्र विरोध प्रदर्शनों का प्रतीक है। इन विरोध प्रदर्शनों ने शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। बांग्लादेश में राजनीतिक बदलावों के चलते यह कदम उठाया गया है।
नोटों से शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटाने का फैसला बांग्लादेश सरकार के लिए आसान नहीं रहा है। रहमान की छवि देश में राष्ट्रपिता की है। जुलाई के विद्रोह के बाद छात्र नेता सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हो गए थे। उसके बाद बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा बदलाव आया।
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शेख हसीना को अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनके देश छोड़ने से बांग्लादेश की राजनीति पूरी तरह बदल गई। यह विरोध छात्रों ने नौकरी कोटा और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ किया था, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।
नए नोटों पर अब शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर नहीं होगी। इसमें जुलाई के विद्रोह से जुड़े प्रतीक शामिल किए जाएंगे। नए नोटों पर बांग्लादेश की धार्मिक संरचनाओं और बंगाली परंपराओं को भी दर्शाया जाएगा। नए टका में 20, 100, 500 और 1,000 के नोट शामिल हैं।
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जुलाई के विद्रोह के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के साथ ही बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम पूरी तरह बदल गया। उन्होंने शेख हसीना को हटाकर देश के शासन की जिम्मेदारी संभाली। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश के नए करेंसी नोटों के डिजाइन पर काम किया जा रहा है।