छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। इसमें बड़े नक्सली उनके निशाने पर हैं। नक्सलियों की अपनी पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी ने लिखित बयान जारी कर बताया है कि देशभर में 253 नक्सली मारे गए हैं, जिसमें से 226 नक्सली बस्तर में मुठभेड़ में मारे गए।
इस साल बस्तर में नक्सलियों को लगातार मात दी गई है। बस्तर के नक्सल इतिहास में यह पहली बार है जब बड़े नक्सली सुरक्षा बलों के निशाने पर आए हैं। अब तक 8.84 करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
इनमें दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के पांच नक्सली शामिल हैं, जिन पर 25-25 लाख रुपये का इनाम है। इसी तरह 14 डिवीजनल कमेटी मेंबर स्तर के नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षा बलों ने एक सैन्य टुकड़ी के कमांडर समेत 77 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता पाई है।
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पुलिस के अनुसार अब तक 90 से अधिक ऑपरेशन में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य रणधीर, नीति, रूपेश को मार गिराने के अलावा डिवीजनल कमेटी स्तर के नक्सली विनोद, नागेश, सागर, संगीता, लक्ष्मी, जोगा और मिलिट्री फॉर्मेशन के नक्सलियों समेत 56 शीर्ष नक्सली नेता भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।
पुलिस ने 207 नक्सलियों के शव भी बरामद किए हैं। नक्सलियों ने भी माना है कि सुरक्षा बलों के प्रभावी अभियान से नक्सल संगठन को नुकसान पहुंचा है। सरकार की 'नियाद नेला नार' योजना के तहत किए गए विकास कार्यों का असर पड़ा है। बता दें कि 4 अक्टूबर को नारायणपुर में बड़े नक्सली नीति, कंपनी कमांडर नंदू मंडावी, डीवीसीएम सुरेश, मीना, महेश समेत 38 नक्सली मारे गए थे।
16 अप्रैल को कांकेर में डीवीसीएम शंकर राव, ललिता, शंकर की पत्नी राजिता, एमएमसी जोनल कमेटी सदस्य सुरेश समेत 29 नक्सली मारे गए थे। 30 अप्रैल को नारायणपुर में डीकेएसजेडसी जोगन्ना और विनय, पीपुल्स पार्टी सदस्य सुष्मिता और जोगन्ना की पत्नी एसीएम संगीता समेत 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
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भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया गया है। पिछले कुछ सालों में सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों की पैठ वाले इलाकों में सुरक्षा कैंप लगाने की रणनीति पर काम कर रहे थे।
पिछले पांच सालों में इस साल 21 समेत कुल 80 कैंप सीधे नक्सलियों के आधार क्षेत्रों में लगाए गए हैं। इससे सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने में आसानी हुई। इन कैंपों से संचालित योजनाओं ने ग्रामीणों का विश्वास जीता।
केंद्र और राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप सुरक्षा के साथ विकास के लक्ष्य को लेकर सुरक्षा बल काम कर रहे हैं। नक्सलियों के खिलाफ अभियान के साथ ही क्षेत्र विकास के लिए किए गए कामों से भी सुरक्षा बलों पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। इससे सफलता का प्रतिशत भी बढ़ा है। नक्सलियों से अपील है कि वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आएं। - सुंदरराज पी., आईजीपी बस्तर