भिंड की ट्रायल कोर्ट में चल रहे एक मामले की आपराधिक अपील में हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि पूरा केस क्लर्क ने हाईजैक कर लिया है। इसलिए भिंड के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एक महीने में इस मामले की पूरी रिपोर्ट उनके सामने पेश करेंगे।
ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने भिंड की ट्रायल कोर्ट की एक आपराधिक अपील पर सवाल उठाते हुए चिंता जताई है।
हाईकोर्ट ने भिंड के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को मामले की जांच कर ट्रायल कोर्ट के जज का पक्ष लेते हुए एक माह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही उस ट्रायल कोर्ट के बाबू या मोहर्रिर की भी जांच करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा है कि उक्त मामले में समन जारी न करके क्लर्क ने केस को हाईजैक कर लिया है, ऐसी कार्रवाई की इजाजत नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट में दायर आपराधिक अपील की चल रही सुनवाई के दौरान दो गवाहों को समन भेजे जाने से जुड़े कुछ तथ्य सामने आए।
जहां सरकारी अधिवक्ता अजय कुमार निरंकारी ने कोर्ट का ध्यान इस ओर दिलाया कि उक्त मामले में समन भेजे जाने की कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा यह भी स्पष्ट नहीं है कि गवाहों को समन मिला या नहीं। अगर गवाह पेश नहीं हुए हैं तो इस पर आगे क्या कार्रवाई की गई, यह भी नहीं बताया गया।
दरअसल, हाईकोर्ट में हत्या के मामले में चौथी आपराधिक याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में अपनी दलील पेश की।उन्होंने कहा कि आरोपी चार साल से जेल में है, इस मामले की सुनवाई में अभी तक कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है।
शासन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने ट्रायल कोर्ट की आर्डर शीट पेश कर कहा कि आर्डर शीट देखने से ऐसा लगता है कि कोर्ट क्लर्क द्वारा समन जारी नहीं किए जाते हैं।
इस मामले में 30 जनवरी को दो गवाहों को समन भेजकर बुलाया गया था, लेकिन वे अगली तारीख 8 फरवरी को नहीं आए। साथ ही यह भी नहीं दिखाया गया कि गवाहों को समन मिला है या नहीं। इसके बाद मामले की आठ सुनवाई में यही स्थिति रही। इन तथ्यों को देखते हुए हाईकोर्ट ने भिंड के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को एक माह में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किए।