अचलेश्वर मंदिर में काले पड़ चुके पत्थरों को दीपक जलाकर साफ किया जा रहा है। लेकिन यह काम दिन में नहीं बल्कि रात में किया जा रहा है। रात 10 बजे के बाद अचलेश्वर महादेव के दर्शन नहीं हो सकेंगे। काम के दौरान शिवलिंग को भी ढका जा रहा है।
ग्वालियर। नवनिर्मित अचलेश्वर मंदिर में दीयों से काले पड़ चुके पत्थर को एक बार फिर से साफ किया जा रहा है। पत्थर को चमकाने का काम शुरू हो गया है। यह काम रात में किया जाएगा जब मंदिर के पट रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक बंद रहेंगे। इस दौरान भगवान अचलनाथ के शिवलिंग को ढका जाएगा। इसलिए इस दौरान बाहर से भी भगवान अचलनाथ के दर्शन नहीं हो सकेंगे।
इसके साथ ही छत की फ्लोरिंग का काम भी किया जाएगा। यह काम करीब 10 दिन में पूरा होने की उम्मीद है। मंदिर प्रबंधक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि नवनिर्मित मंदिर में बचे हुए काम को पूरा किया जा रहा है। सबसे पहले मंदिर के पत्थर को एक बार फिर से सेंट ब्लास्टिंग मशीन से साफ किया जा रहा है।
इससे पत्थर एक बार फिर चमकने लगे और दीये बनाने के कारण पत्थर कई जगह से काला पड़ गया है। उसे भी साफ किया जा रहा है। यह काम रात से शुरू होगा और रोजाना किया जाएगा, ताकि भगवान अचलनाथ के दर्शन में कोई परेशानी न हो।
मंदिर के पत्थर साफ करने के साथ ही छत पर तैरने का काम भी किया जाएगा। साथ ही बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था भी की जाएगी। क्योंकि बारिश के मौसम में गर्भगृह समेत मंदिर के चारों तरफ से छत टपकने लगती है। कैन एलेस्टेयर ने भरोसा दिलाया है कि फर्श डालने के बाद छत नहीं टपकेगी।
कैथोलिकर जगदीश माठ ने सुझाव दिया कि मंदिर प्रबंधन समिति के बाद व्यक्तिगत तौर पर पत्थर लगाया जाएगा। यह तीसरी बार सफाई की जा रही है। यह काम 10 दिन में पूरा हो जाएगा। इसके बाद बिजली मशीनरी का काम शुरू किया जाएगा।
मंदिर प्रबंधन समिति के तमाम प्रयासों के बावजूद मंदिर के गर्भगृह में दीपक जलाने का प्रचलन बंद नहीं हुआ है। समिति ने एक बार मंदिर में दीपक बेचने पर रोक लगाई थी, लेकिन किराएदारों के दबाव में समिति ने दीपक बेचने के नियम में ढील दे दी। जबकि ठेकेदार ने साफ कह दिया है कि वह इसके बाद मंदिर की सफाई नहीं करवाएगा।