MP News: मध्यप्रदेश में फिजियोथेरेपी को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर सत्ताधारी और विपक्षी दलों के नेताओं और खिलाड़ियों ने आज विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर फिजियोथेरेपिस्टों को शुभकामनाएं भेजी हैं।
लोगों की बदलती जीवनशैली और कंप्यूटर और मोबाइल के इस दौर में गर्दन और पीठ दर्द आम बात होती जा रही है, हर दूसरा व्यक्ति ऐसी समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे में बिना साइड इफेक्ट वाली फिजियोथेरेपी से इलाज का चलन भी तेजी से बढ़ा है। मध्यप्रदेश में फिजियोथेरेपी को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर सत्ताधारी और विपक्षी दलों के नेताओं और खिलाड़ियों ने आज विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर फिजियोथेरेपिस्टों को शुभकामनाएं भेजी हैं।
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युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों में कार्य क्षमता की कमी को दूर करने और खेल के दौरान चोट लगने की स्थिति में फिजियोथेरेपिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा फिजियोथेरेपी दिवस पर निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में जोड़ों से संबंधित बीमारियों, मरीजों को स्वास्थ्य लाभ और शरीर को स्वस्थ रखने के संबंध में निशुल्क परामर्श देने का संकल्प सराहनीय है। मुझे उम्मीद है कि विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों से आम जनता को फिजियोथेरेपी उपचार से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
खेलों में भी तेजी से बढ़ा फिजियोथेरेपी का उपयोग राजधानी भोपाल के वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुनील पांडे ने बताया कि विश्व फिजियोथेरेपी दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है, ताकि लोगों को फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी जा सके। साथ ही फिजियोथेरेपी क्या है और यह कैसे काम करती है, इसकी भी जानकारी दी जा सके। डॉ. पांडे का कहना है कि फिजियोथेरेपी उपचार की अलग-अलग तकनीक शरीर के किसी भी हिस्से में चोट या दर्द से राहत दिलाती है। इन दिनों खेलों में इसका खूब इस्तेमाल हो रहा है। हर खेल टीम के साथ एक फिजियोथेरेपिस्ट होता है।
दवा से बेहतर हो सकती है फिजियोथेरेपी डॉ. सुनील पांडे ने बताया कि जहां एक तरफ नई-नई बीमारियां बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ गलत एक्सरसाइज, बैठने या लेटने का गलत तरीका और मोबाइल, लैपटॉप का इस्तेमाल करने से गर्दन, कमर, घुटने में दर्द जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग दर्द से राहत के लिए दवा का सहारा लेते हैं। लेकिन उस दर्द को पूरी तरह से ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा नहीं लेते, जो उनके इलाज के लिए काफी बेहतर साबित हो सकती है।
कई तरह के दर्द बिना दवा के इस्तेमाल के ठीक हो जाते हैं। सुनील पांडे का कहना है कि अगर दर्द से जुड़ी समस्याएं हैं, तो फिजियोथेरेपी से बिना किसी दवा और बिना किसी साइड इफेक्ट के ठीक हो सकती हैं। क्योंकि एक्सरसाइज और फिजियोथेरेपी का कोई तय समय नहीं होता कि इसे इतने समय तक ही करना है। बल्कि आप इसे कितने भी समय तक कर सकते हैं। हालांकि, कुछ बीमारियों में 100 फीसदी मरीजों को आराम मिल जाता है, लेकिन कुछ बीमारियों में इसे सपोर्टिव ट्रीटमेंट के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है।
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मौजूदा समय में योग और रनिंग का चलन काफी बढ़ गया है। लेकिन अगर आप बिना किसी सलाह के दौड़ रहे हैं तो इसका पैर के घुटनों पर बहुत असर पड़ता है। इससे जोड़ों में दर्द और कूल्हे के जोड़ों में दर्द होने की भी संभावना रहती है। ऐसे में अगर आप न्यूनतम और अधिकतम परिधि को ध्यान में रखते हुए योग और दौड़ को अपने दैनिक जीवन में अपनाते हैं तो यह बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।