जबलपुर, । कृषि पंप, चाफ कटर, थ्रेसर, सीड मशीन, लिफ्ट इरीगेशन के पंप, कृषि कार्य के मवेशियों के जल पंप, गौशालाओं के पंप आदियों के लिए न केवल मासिक फिक्स चार्ज बल्कि बिजली रेटस में भारी बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव बिजली कंपनियों ने याचिका में किया है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने इस पर आपत्ति भेजी है। डॉ.पीजी नाजपांडे ने बताया कि इन कृषि गतिविधियों हेतु वर्तमान में ७५० यूनिट बिजली खपत के लिए औसतन ५४० पैसे प्रति यूनिट रेट तथा ६८ रुपए मासिक फिक्स चार्ज लगता था, अब इसे बढ़ाकर ५७५ पैसे प्रति यूनिट रेट तथा ८३ रुपए मासिक चार्ज को प्रस्तावित कर दिया गया है। इस तरह बिजली रेट में ३५ पैसे प्रति यूनिट तथा मासिक चार्ज में १५ रुपए की वृद्धि की गई है।
डॉ.पीजी नाजपांडे ने बताय कि प्रस्ताव में उन किसानों को छूट देने को कहा गया है, जिन्होंने मीटर लगाकर आय एस आय के पंप तथा पीवीसी के पाईप रखे हैं। यह छूट भी केवल किसान अंश राशि पर मिलेगी, जो राशि कुल बिजली टैरिफ से शासकीय सब्सिडी घटाकर बचती है।
मंच के रजत भार्गव, एड.वेदप्रकाश अधौलिया, मनीष शर्मा, डीआर लखेरा ने बताया कि कृषि गतिविधियों को आघात पहुंचाने वालें यह प्रस्ताव मध्यप्रदेश सरकार के किसानों को राहत देकर उन्हें प्रोत्साहित करने के नीति के खिलाफ है।