- प्याज, लहसुन की मार्कटिंग पॉलिसी बनानी होगी- कुलपति डॉ. मिश्रा

प्याज, लहसुन की मार्कटिंग पॉलिसी बनानी होगी- कुलपति डॉ. मिश्रा

 

कृषि विवि में वार्षिक बैठक में जुटे वैज्ञानिक 


जबलपुर, । जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय स्थित कृषि महाविद्यालय, जबलपुर के स्वामी विवेकानंद सभागार में अखिल भारतीय नेटवर्क अनुसंधान परियोजना प्याज एवं लहसुन की दो दिवसीय १४वीं वार्षिक समूह बैठक का आयोजन कुलपति डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा के मुख्याआतिथ्य एवं डॉ. मेजर सिंह, सदस्य एएसआरबी, नई दिल्ली एवं डॉ. सुधाकर पांडे, एडीजी,नई दिल्ली के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित हुई। मुख्यआतिथि की आंसदी कुलपति डॉ. पी.के. मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्याज एवं लहसुन की बाजार व्यवस्था को सुचारू करने हेतु पॉलिसी बनानी होगी। ताकि प्याज एवं लहसुन की खेती करने वाले किसानों को इसका उचित मूल्य प्राप्त हो सके। आपने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से उन्नत किस्मों का परीक्षण कर सुगम रूप से किसानों तक उन्नत बीजों की उपलब्धता बनाई जाए। 

 

 

    विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. मेजर सिंह, सदस्य एएसआरबी, नई दिल्ली ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्याज एवं लहसुन की उन्नत किस्मों को बढ़ावा देने के साथ ही भण्डारण हेतु उपयुक्त संरचानाओं के निर्माण में कार्य करना होगा। जिससे प्याज एवं लहसुन की उपलब्धता साल भर रखी जा सके। विशिष्ट अतिथि डॉ. सुधाकर पांडे, एडीजी, नई दिल्ली ने अपने उद्बोधन में अनुसंधान के माध्यम से प्याज की शंकर किस्मों को विकसित करने एवं इसकी उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया। 

 

प्याज एवं लहसुन संचालनालय, पुणे के डायरेक्टर डॉ. विजय महाजन ने परियोजना के संबंध में कार्ययोजना एवं प्रगति का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। साथ ही आपने कहा कि देष में प्याज एवं लहसुन का उत्पादन बढ़ाने के लिये ड्रिप एरिकेषन सिस्टम कारगर है। प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिये संचालनालय के वैज्ञानिकों ने भीमा सुपर, भीमा डॉर्क रेड, भीमा षक्ति सहित अन्य किस्मे हैं, जोकि कोलेस्ट्रॉल को कम करने एवं रक्तचाप नियंत्रण करने में लाभदायक है। संचालक अनुसंधान सेवायें डॉ. जी.के. कौतू ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं प्याज एवं लहसुन परियोजना में चल रहे अनुसंधान को लेकर अपने विचार व्यक्त किये। 

 

आयोजनकर्ता अधिष्ठाता उद्यानिकी संकाय डॉ. एस.के. पांडे ने इस दो दिवसीय वार्षिक बैठक में विभाग द्वारा प्याज एवं लहसुन की तकनीकियों से मध्यप्रदेष में इसकी फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में बढ़ात्तरी के योगदान के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। आयोजक सचिव एवं परियोजना संचालक डॉ. अखिलेश तिवारी ने जानकारी देते हुये बताया कि वार्षिक बैठक में प्याज एवं लहसुन की विभिन्न किस्मों, उत्पादन एवं कीट रोग निराकरण, नई-नई तकनीनियों को विकसित करने सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा एवं विचार-विमर्श किया गया है। 

 

 

 

गौरतलब है कि इस दो दिवसीय १४ वीं वार्षिक समूह बैठक में पूरे देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों एवं आईसीएआर के संस्थानों से करीब सौ से अधिक वैज्ञानिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी ने परियोजना के संबंध में प्रगति एवं कार्ययोजना प्रस्तुत की साथ ही आगामी वर्षो की कार्ययोजना तैयार की गई। 

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कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंकिता शर्मा एवं आभार प्रदर्शन डॉ. अखिलेश तिवारी द्वारा किया गया। अखिल भारतीय नेटवर्क अनुसंधान परियोजना प्याज एवं लहसुन की दो दिवसीय वार्षिक समूह बैठक में अधिष्ठाता उद्यानिकी संकाय डॉ. एस.के. पांडे, संचालक अनुसंधान सेवायें डॉ. जी.के. कौतू, अधिष्ठाता कृषि महाविलय डॉ. पी.बी.शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. अमित शर्मा, डॉ. अखिलेश तिवारी सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, वैज्ञानिक शामिल रहे।  

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