आपको बता दें कि नेशनल लोक अदालत द्वारा न्यायालयों में लंबित आपराधिक प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामले, एमएसीटी (मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण) के मामले, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, बिजली और पानी का बिल संबंधी प्रकरण (चोरी के मामलों को छोडक़र), सेवा मामले जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है, का निराकरण किया जायेगा।
इसके साथ ही राजस्व के प्रकरण (जिला न्यायालय और उच्च न्यायालयों में लंबित), दीवानी मामले और विद्युत संबंधी मामलों सहित बैंक रिकवरी, जलकर, संपत्तिकर, विद्युत् चोरी आदि से संबंधित पूर्ववाद (प्रीलिटिगेशन) राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामे में समझौते के आधार पर होगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर ने पक्षकारों से अपील की है कि वे निर्धारित तिथियों में आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालतों में अपने राजीनामा योग्य लंबित और पूर्ववाद (प्रीलिटिगेशन) प्रकरण को उक्त नेशनल लोक अदालतों के माध्यम से आपसी समझौते से राजीनामा के आधार पर निराकृत कराए। साथ ही नेशनल लोक अदालत के लिए जारी की गई छूट का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें।