बालको वन परिक्षेत्र कार्यालय के पीछे दिखाई दिए इंडियन ग्रे हॉर्नबिल को अपने कैमरे पर कैद करने वाले रेंज अधिकारी जयंत सरकार ने बताया कि पक्षी की यह प्रजाति मूल रूप से हिमालय क्षेत्र से ताल्लुक रखती है। पर वर्तमान में जैव विविधताओं से लबरेज कोरबा क्षेत्र जंगल में भी यदा-कदा देखी जाती है।
इनकी संख्या यहां काफी कम है, इसलिए खुले दर्शन होना काफी दुर्लभ संयोग रहा। इस प्रजाति को टिपिकल इंडियन फैमली से जोड़ने का मुख्य कारण इनका व्यवहार है। इंडियन ग्रे हॉर्नबिल में नर पक्षी ही अपने परिवार के लिए भोजन या चारे की जुगत करता है और मादा घर संभालती है। कहीं सैर पर निकलें तो सुरक्षा के लिए चौकन्ना रहते हुए हमेशा नर आगे रहता है और मादा पीछे रहती है। प्रजननकाल में जब अंडे देने की बारी आती है, तो किसी पेड़ के कोटर में जरूरी जुगत नर करता है और फिर मादा उसमें अंडे देने के बाद पूरे वक्त वहीं बिताती है। इस बीच मादा के लिए चारे के इंतजाम में भी नर जुटा रहता है। पर हां, जब कभी अंडे या चूजे के लिए कोई संकट महसूस होता है, मादा काफी आक्रामक हो जाती है। यही वजह है जो एक टिपिकल इंडियन फैमिली की तरह के व्यवहार की झलक दिखाई देती है।
इंडियन ग्रे हॉर्नबिल आमतौर पर जोड़े में दिखाई पड़ती है। इनके पूरे शरीर पर ग्रे रंग के रोएं होते हैं और इनके पेट का हिस्से हल्का ग्रे या फीके सफेद रंग का होता है। इनकी चोंच लंबी और नीचे की ओर घूमी होती है और अमूमन ऊपर वाली चोंच के ऊपर लंबा उभार होता है। इसी की वजह से इसका अंग्रेजी नाम हॉर्नबिल (हॉर्न यानि सींग, बिल यानि चोंच) पड़ा है। भारत में इसकी 9 प्रजातियां पाई जाती हैं। यह पक्षी प्राय: बरगद, पीपल और फलदार पेड़ पर रहता है। इसका मुख्य भोजन फल कीड़े मकोड़े, छिपकली तथा चूहा है।