- अभिभावक अपनाएं बच्चों को पढ़ाने मनोरंजक तरीके

अभिभावक अपनाएं बच्चों को पढ़ाने मनोरंजक तरीके

अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई कर आग बढ़े पर देखा गया है कि कुछ बच्चे ऎसे भी होते हैं जो पढ़ाई से पूरी तरह दूर होते हैं। किताबें नोटबुक और पढ़ाई के नाम से वो ऎसे भागते हैं जैसे कितना बड़ा काम करने को उन्हें कह दिया गया हो। अगर आपके बच्चे को भी पढ़ना नही पसंद है तो कुछ आसान उपायों से आप उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
कारण जानें -
ऎसे बच्चे जिन्हें पढ़ाई करना बिल्कुल भी नहीं पसंद हैं उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने का सबसे पहला प्रयास यह है कि आप उनकी समस्या को पहले पहचानें। बच्चे को पढ़ाई के दौरान कौन सा विषय अच्छा लगता है उसे कोई चीज याद करने में दिक्कत होती है या फिर लिखने में। जब तक पढ़ाई को लेकर आप उसकी समस्या को नहीं समझेंगे और हल करेंगे तब तक बच्चे को पढ़ाई की ओर नहीं ले जा सकते।
मनोरंजक तरीके अपनाएं-
पढ़ाई को लेकर बच्चे के मन में उत्साह लाने के लिए आपको थोड़ी मेहनत तो करनी ही होगी। पढ़ाई थोड़ी बोरियत वाली तो होती ही है ऎसे में उनमें अगर कुछ फन एलीमेंट भर दिए जाए तो बच्चों को पढ़ने में मजा ही आएगा। बच्चे को पढ़ाने के लिए अगर आप कोई प्रजेंटेशन आदि बना रहे हैं तो उसमें एनीमेटेड कैरेक्ट वॉइस ओवर या बच्चों से जुड़ा कोई मनोरंजक अध्याय बनायें। पढ़ाई का यह तरीका बच्चों को रुचिकर लगेगा और वे पढ़ने के लिए उत्साहित होंगे।
पढ़ाई के दौरान बहुत से ऎसे विषय होते हैं जिन्हें पढ़ना बच्चे बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं और ऎसा हो नहीं सकता है कि कुछ विषय पढ़ें और कुछ को छोड़ दें। इसलिए यह बेहद जरूरी हो जाता है कि आप बच्चों को बोरिंग से लगने वाले विषय को भी कुछ फनीं तरीके से पढ़ाएं ताकि उन्हें कुछ नयापन मिले।
वास्तविकता से जोड़ें -
पढ़ाई को और ज्यादा मजेदार बनाने के लिए आप उसे वास्तविकता से जोड़ें। विज्ञान इतिहास भूगोल आदि विषयों को आप सामान्य जनजीवन से जोड़ कर मनोरंजक तरीके से बच्चों को पढ़ा सकते हैं। इस प्रकार बच्चे उस विषय को और ज्यादा अच्छे तरीके से समझेंगे और उन्हें अच्छा भी लगेगा। किताबी ज्ञान को याद करने में वक्त भी लगता है जबकि व्यवहारिक तौर अगर उन्हें समझाया जाए तो वो जल्दी समझते हैं।
आमतौर पर देखा गया है पढ़ाई के दौरान बच्चे के साथ न तो टीचर और न ही अभिभावक कोई संवाद रखते हैं वो बस पढ़ाते जाते हैं और बच्चे को अपनी बात रखने का कोई मौका ही नहीं देते हैं। ये बातें भी बच्चों को पढ़ाई से भटकाती हैं। इसलिए घर में पढ़ाई के दौरान आप बातचीत जारी रखें। पढ़ाई के दौरान बीच-बीच में बच्चे के मन में सवाल उठ रहे हैं और जिज्ञासाएं हो रही हैं उनपर भी ध्यान दें।
बहुत ज्यादा दबाव भी कई बार बच्चों को पढ़ाई से दूर करने का काम करता है। इसलिए आप बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान के लिए भी प्रोत्साहित करिए। उन्हें बाहर जाने नई जगह जाने उनके बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करें।



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