मध्य प्रदेश के इंदौर और धार जिले में अलग-अलग जगहों पर आयकर विभाग की छापेमारी में जांच जारी है। छापेमारी के दौरान अलग-अलग जगहों से कच्ची पर्चियों और डायरियों में करोड़ों रुपए का हिसाब मिला है। इसके साथ ही दुबई में कुछ लोगों के लेन-देन के सबूत भी मिले हैं।
इंदौर और धार जिले के अलग-अलग शहरों में आयकर की छापेमारी और जांच 36 घंटे बाद भी जारी रही। गुरुवार सुबह आयकर विभाग की जांच विंग ने इंदौर के कॉटन कारोबारी, मनावर के रियल एस्टेट, क्रिकेट सट्टा बुकियों और राजगढ़ में ज्वैलर्स के ठिकानों पर जांच शुरू की।
शुक्रवार शाम तक राजगढ़ में ज्वैलर्स के यहां छापेमारी बंद कर दी गई। बाकी ठिकानों पर आयकर की टीमें अभी भी जांच कर रही हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आयकर विभाग को अलग-अलग जगहों से कच्ची पर्चियों और डायरियों में करोड़ों रुपए का हिसाब मिला है।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।
आयकर विभाग फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहने से कतरा रहा है। छापेमारी की कार्रवाई मनावर के कारोबारी गोलू सावन पहाड़िया पर केंद्रित है। आयकर सूत्रों के अनुसार पेट्रोल पंप संचालक पहाड़िया के घर से अघोषित संपत्ति के दस्तावेज और हिसाब-किताब बरामद हुआ है।
साक्ष्य मिलने के बाद आयकर की कुछ टीमें तलाशी के लिए इंदौर में रतलाम कोठी और अन्य इलाकों में भी पहुंची। पहाड़िया के घर से डायरियों में कई लोगों के नाम दर्ज प्रविष्टियां भी बरामद हुई हैं। इसमें बड़े पैमाने पर लेन-देन का हिसाब-किताब मिला है।
इस बीच अलग-अलग ठिकानों से 2.25 करोड़ रुपए से अधिक नकदी बरामद हुई है, लेकिन आयकर ने नकदी जब्त करने के संबंध में अभी कोई घोषणा नहीं की है।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।
आयकर की इस कार्रवाई के इनपुट और निर्देश सीधे आर्थिक खुफिया इकाई और दिल्ली व गुजरात से मिले थे। इसके बाद इन्वेस्टिगेशन विंग ने प्रदेश के अलग-अलग शहरों से आयकर अफसरों की मिली-जुली टीमें बनाकर भोपाल से छापेमारी के लिए भेजीं।