भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था। आज 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ अभियान के तहत पूरे देश में संविधान दिवस उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
भोपाल. देश आज संविधान दिवस मना रहा है. इस अवसर पर भोपाल के रविन्द्र भवन स्थित हंसध्वनि सभागार में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल मंगूभाई पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. कार्यक्रम में प्रदेश की विभिन्न विभूतियों को याद किया गया.
इस अवसर पर रविन्द्र भवन में संविधान निर्माण से संबंधित प्रदर्शनी लगाई गई और लघु फिल्म भी दिखाई गई. कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, मुख्य सचिव अनुराग जैन, विधायक भगवानदास सबनानी, रामेश्वर शर्मा समेत कई गणमान्य मौजूद रहे.
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कार्यक्रम में राज्यपाल ने भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा में शामिल सभी विभूतियों को याद करते हुए कहा कि संविधान हम भारतीयों के लिए एक प्रेरणादायी जीवन दस्तावेज है और स्वतंत्र भारत का आधुनिक धार्मिक ग्रंथ है, जो हम सभी के लिए मार्गदर्शक है।
उन्होंने कहा कि संविधान को देश के प्रत्येक नागरिक ने अपनाया है, इसलिए हम भारत के लोग ही संविधान के वास्तविक रक्षक हैं। संविधान जहां एक ओर नागरिकों को सशक्त बनाता है, वहीं दूसरी ओर नागरिक अपने आचरण और व्यवहार से संविधान का संवर्धन और संरक्षण भी करते हैं। संविधान किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि सभी का रक्षक है। इसलिए इसके संरक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी हम सभी की है।
हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान अभियान पर जोर राज्यपाल मंगूभाई ने कहा कि आज का दिन हम सभी भारतीयों के लिए गर्व और खुशी का दिन है। आज का दिन सार्वभौमिक मूल्यों की परस्पर समझ का अवसर और उत्सव है, क्योंकि इस वर्ष संविधान को अंगीकृत किए जाने के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसलिए यह वर्ष और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी महत्व को देखते हुए इस वर्ष को "हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान" अभियान के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।
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राज्यपाल ने कहा कि देश के प्रत्येक वर्ग, समुदाय और नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के अनुपालन के लिए सजग और सक्रिय रहना जरूरी है। देश के प्रत्येक नागरिक को समर्पण के साथ संविधान के उद्देश्यों के महत्व को समझना चाहिए और समुचित अनुपालन द्वारा संविधान के प्रति अपना सम्मान प्रदर्शित करना चाहिए। हम सभी का दायित्व है कि संविधान के अनुरूप जाति, धर्म, लिंग, भाषा आदि के आधार पर भेदभाव रहित एक सशक्त और समावेशी समाज के निर्माण में अपना सर्वोत्तम योगदान दें। यह जरूरी है कि भावी पीढ़ी को एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण के लिए संविधान निर्माताओं द्वारा किए गए लंबे संघर्ष और बलिदान के बारे में जागरूक किया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि संविधान दिवस केवल शासन और राजनीतिक दलों का उत्सव नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे राष्ट्र निर्माताओं के योगदान के प्रति कृतज्ञता के उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए। आज संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मैं प्रदेशवासियों से अपील करता हूं कि हम सभी अपने आचरण एवं व्यवहार के माध्यम से संविधान से प्राप्त अधिकारों एवं कर्तव्यों के पालन हेतु जन-जागरूकता बढ़ाने में सक्रिय योगदान दें।