नगर निगम ने लोगों से अपील की है कि वे बेवजह ठंड में बाहर न रहें। बेघर और बेसहारा लोगों के लिए रैन बसेरों में पर्याप्त कमरे और गर्म रजाई-गद्दे हैं। वे वहां आराम से सोएं।
भोपाल. शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इस बार अलाव नहीं जलाए जाएंगे. नगर निगम प्रशासन ने पहली बार यह फैसला लिया है, ताकि वायु प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके. इसलिए इस बार शहर के उन 500 स्थानों पर अलाव नहीं जलाए जाएंगे, जहां हर साल ठंड शुरू होते ही अलाव जलाए जाते थे.
नगर निगम की इस पहल से वायु प्रदूषण के स्तर में जरूर कमी आएगी, लेकिन अहम बात यह है कि जो लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते थे, वे अब इस कड़ाके की ठंड से खुद को कैसे बचाएंगे.
निगम ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे बेवजह ठंड में बाहर न रहें। रैन बसेरों में पर्याप्त कमरे और गर्म रजाई-गद्दे हैं। वे वहां आराम से सोएं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के साथ केवल एक अटेंडेंट ही परिसर में रहे। बाकी लोग अपने घरों में रहें। निजी कॉलोनियों में जो लोग अलाव जला रहे हैं, वे हीटर का इस्तेमाल करें। ताकि लोग ठंड से बच सकें और शहर की हवा भी साफ हो सके।
नगर निगम ठंड शुरू होते ही शहर में अलाव के लिए लकड़ियां उपलब्ध कराने के आदेश जारी करता था, लेकिन इस बार नगर निगम आयुक्त ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया। अलाव जलाने के लिए निगम के स्टोर से लकड़ियां उपलब्ध कराई जाती थीं। इन लकड़ियों को निगम के वाहनों से सार्वजनिक स्थानों पर पहुंचाया जाता था। जिसमें निगम को डीजल खर्च के अलावा कोई अतिरिक्त पैसा खर्च नहीं करना पड़ता था, लेकिन इस बार अलाव नहीं जलाए जाएंगे। ऐसे में लाखों रुपए का डीजल खर्च भी बचेगा।
निगम प्रशासन ने शहर की हवा की सेहत सुधारने के लिए यह फैसला लिया है, क्योंकि तमाम कोशिशों के बाद भी शहर में बढ़ता वायु प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। शुक्रवार को भी शहर का एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया था। शाम 7 बजे पर्यावरण परिसर क्षेत्र में एक्यूआई 305, टीटी नगर में 285 और कलेक्ट्रेट में 236 दर्ज किया गया। शहर की हवा में अभी भी पीएम 2.5 धूल कणों की मात्रा अधिक है, जो कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को बीमार करने के लिए काफी है। इस हवा में सांस लेना बीमारियों को न्योता देने के बराबर है।
हालांकि, राजधानी में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। भोपाल में सर्दी का 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। नवंबर की सबसे ठंडी रात शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात रही, जब पारा गिरकर 8.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इससे एक दिन पहले भोपाल में न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इससे पता चलता है कि सर्दी लगातार जोर पकड़ रही है।
ये है नागरिकों की राय
अलाव जलाने से वायु प्रदूषण ही बढ़ता है। निगम की यह अच्छी पहल है। इससे वायु प्रदूषण का स्तर कम होगा।
- अशोक शर्मा, एडवोकेट
शहर की हवा की सेहत को बेहतर बनाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। निगम प्रशासन की यह अच्छी पहल है।