UP News: अटाला मस्जिद को देवी मंदिर बताने के मामले में 2 सितंबर को आएगा आदेश। पुरातत्व विभाग के प्रथम महानिदेशक ने अटाला को देवी मंदिर बताया था।
अटाला माता मंदिर मामले की सुनवाई बुधवार को सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन कोर्ट में हुई। इस दौरान अटाला मंदिर मामले में पोषणीयता और क्षेत्राधिकार पर 2 सितंबर को आदेश आएगा।
वादी अधिवक्ता ने बहस में कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के प्रथम महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम ने अपनी रिपोर्ट में अटाला मस्जिद को अटाला देवी मंदिर बताया है, जिसका निर्माण कन्नौज के राजा जयचंद राठौर ने कराया था। ब्रिटिश अधिकारी जेपी हेविट और ईबी हेवेल ने अटाला मस्जिद की शिल्पकला को हिंदू शिल्पकला बताया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट में अटाला देवी मंदिर के कई फोटोग्राफ दिए गए हैं, जिनमें शंख, त्रिशूल, शतदल कमल, गुड़हल के फूल, बंधन बार आदि हिंदू शिल्पकला की कलाकृतियां शामिल हैं। वादी के वकील ने बताया कि अटाला मस्जिद की जमीन राजस्व अभिलेखों में जामा मस्जिद के नाम दर्ज है, जिसकी वर्तमान मालिक केंद्र सरकार है।
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वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 4 के अनुसार अटाला मस्जिद का सर्वेक्षण आज तक नहीं हो सका है, जिसके कारण उनके मामले पर वक्फ अधिनियम लागू नहीं होता। अटाला मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत संरक्षित स्मारक है, जिसके कारण मामले पर उपासना स्थल अधिनियम 1991 लागू नहीं होता। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अनुरक्षणीयता और क्षेत्राधिकार पर आदेश की तिथि 2 सितंबर तय की है।