- स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शो को आत्मसात कर राष्ट्र  नवनिर्माण में जुटें युवा

स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शो को आत्मसात कर राष्ट्र  नवनिर्माण में जुटें युवा


मुरैना  । स्वामी विवेकानंद की 161 वीं जयंती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। मप्र शिक्षक संघ ने सुबह विवेकानंद स्मारक पर साफ सफाई की और प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक किया। साफ सफाई करने के बाद मप्र शिक्षक संघ के संभागीय अध्यक्ष डॉ नरेश सिंह सिकरवार के नेतृत्व में पंचामृत से अभिषेक कर प्रतिमा पर चंदन का लेप लगाया, आरती उतारी और पुष्पांजलि अर्पित की। स्वामी जी के जीवन दर्शन व आदर्शों को लेकर व्याख्यानमाला का भी आयोजन हुआ। जिसमें मप्र शिक्षक संघ के अनेक पदाधिकारी, समाजसेवी व शिक्षक, प्रबुद्ध जन व युवा मौजूद रहे। इस अवसर पर संभागीय अध्यक्ष डॉ सिकरवार ने कहा कि विवेकानंद युवाओं के साथ हर भारतीय के प्रेरणा श्रोत और मार्गदर्शक है। भारतीय समाज और राष्ट्र के जीवन में नवीन प्राणों का संचार करने

 

 

वाले स्वामी विवेकानंद का जीवन जितना रोमांचकारी है उतना ही प्रेरणादायक भी है। उन्होंने अपने विचारों से अतीत के अधिष्ठान पर वर्तमान का और वर्तमान के अधिष्ठान पर भविष्य का बीजारोपण कर देश की आत्मा को चैतन्यता से भर दिया। युवा शक्ति उनके जीवन आदर्शो को आत्मसात कर राष्ट्र के नवनिर्माण में युवा जुट जाएं। डॉ सिकरवार ने कहा कि युवा ही देश का भविष्य है। इसलिए राष्ट्रीय युवा दिवस देश के उन असंख्य युवाओं को समर्पित है, जो भारत देश के स्वस्थ और बेहतर भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं। आज के दौर में युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए स्वामी विवेकानंद के विचार अधिक प्रासंगिक है। स्वामी विवेकानंद ने केवल वैज्ञानिक सोच तथा तर्क पर बल ही नहीं दिया, बल्कि धर्म को लोगों की सेवा और सामाजिक परिवर्तन से जोड़ दिया। एक व्याख्यान में स्वामी जी ने कहा कि 

 

 

जब तक लाखों लोग भूखे और अज्ञानी हैं तब तक मैं उस प्रत्येक व्यक्ति को कृतध्न समझता हूं, जो उनके बल पर शिक्षित बना और उनकी ओर ध्यान नहीं देता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इन गरीबों, अनपढ़ों, अज्ञानियों एवं दुखियों को ही अपना भगवान मानो। स्मरण रखो, इनकी सेवा ही तुम्हारा परम धर्म है। स्वामी जी अपने विचारों के जरिए स्वधर्म और स्वदेश के लिए अथाह प्रेम और स्वाभिमान की उर्जा प्रवाहित कर जाग्रत-शक्ति का संचार किया जिससे भारतीय जन के मन में अपनी ज्ञान, परंपरा, संस्कृति और विरासत का गर्वपूर्ण बोध हुआ। सुभाष चंद्र बोस जयंती तक मनाया जाएगा कर्तव्य बोध पखवाड़ाडॉ सिकरवार ने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के निर्देशन में 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जयंती से 23 जनवरी सुभाष चंद्र बोस जयंती तक स्थायी कार्यक्रम के तहत मप्र शिक्षक संघ द्वारा 

 

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कर्तव्य बोध दिवस पखवाड़ा मनाया जाएगा। समाज में कर्तव्य बोध की भावना जागृत करनी है तो हमारे महापुरुषों के आदर्शों को जानना जरुरी है। कि कैसे उन्होंने देश और समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इसलिए जिला, तहसील, ब्लॉक नगर स्तर पर स्कूलों में यह आयोजन संगठन की इकाइयों द्वारा किए जाएंगे। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई हैविवेकानंद के पदचिन्हों पर चलकर युवा बनाएंगे भारत को विश्व गुरु समाजसेवी रघुराज परमार ने इस अवसर कहा कि युवा विवेकानंद के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करेंगे तो भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा। इसमें शिक्षकों की अहम भूमिका रहेगी। 

 

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