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विक्रम मस्ताल बोले आदिपुरुष में हनुमान को गलत तरीके से दिखाया...
फिल्म पर कानूनी कार्रवाई करूंगा - मुंतशिर ने ट्वीट कर दी सफाई- बोले जिन पर आपत्ति वे संवाद हटाए जाएंगे भोपाल। आदिपुरुष फिल्म में सीन और डायलॉग्स को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। आनंद सागर के रामायण सीरियल में हनुमान का पात्र निभाने वाले विक्रम मस्ताल ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस फिल्म को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कानूनी कार्रवाई की बात कही।
विक्रम की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के कुछ ही देर बाद आदिपुरुष में डायलॉग्स पर विवाद और आलोचनाओं के बाद गीतकार मनोज मुंतशिर ने ट्वीट कर सफाई दी। मुंतशिर यह भी लिखा कि जिन डायलॉग्स को लेकर लोगों की आपत्ति है उन्हें बदला जाएगा। इसी हफ्ते में संशोधित संवाद फिल्म में सामने आएंगे।
आनंद सागर की रामायण में हनुमान का पत्र निभाने वाले विक्रम मस्ताल ने भोपाल में प्रेस वार्ता की। मस्ताल ने प्रेस वार्ता के जरिए अदिपुरुष फिल्म के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। विक्रम ने कहा - मैं इस मूवी का पूरी तरह से विरोध करता हूं। राम और हनुमान के पात्र को जिस तरह से दिखाया गया वो पूरी तरह से गलत है। मस्ताल ने कहा - भाषा का प्रयोग ठीक तरह से नहीं किया गया, जबकि हमारे आराध्य ने कभी इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं किया। मैं फिल्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। अभी मैं फिल्म के बारे में सभी बातें समझ रहा हूं।
नर्मदा परिक्रमा पर बना रहा हूं फिल्म विक्रम ने कहा-फिल्म के माध्यम से सनातन धर्म को गलत तरीके से दिखाया गया है। जिन सरकारों को लगता है संवाद गलत है, वो जो कार्रवाई करेंगे तो मैं उनके साथ हूं। मां नर्मदा की परिक्रमा को लेकर मैं फिल्म बना रहा हूं। फिल्म में नर्मदा में हो रहे अवैध खनन का मुद्दा भी उठाऊंगा। उधर, गीतकार मनोज मुंतशिर ने ट्वीट कर लिखा- रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी ज्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्रीराम का यशगान किया, मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं? मेरे ही भाइयों ने मेरे लिए सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वहीं मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कविताएं पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही मां को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहां से आ गई कि वो श्रीराम का दर्शन भूल गए। हर मां को अपनी मां मानते थे। शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों।
तीन घंटे की फिल्म में 3 मिनट अलग लिख दिया मनोज मुंतशिर ने लिखा कि हो सकता है, 3 घंटे की फि़ल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाजी क्यों की, मैं जान नहीं पाया। क्या आपने जय श्री रामÓ गीत नहीं सुना, शिवोहमÓ नहीं सुना, राम सिया रामÓ नहीं सुना? आदि पुरुष में सनातन की ये स्तुतियां भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं। तेरी मिट्टीÓ और देश मेरे Óभी तो मैंने ही लिखा है। मुंतशिर ने आगे लिखा- मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे। हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गए तो सनातन हार जाएगा। हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनाई है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे।
मुंतशिर ने खुद बताया पोस्ट क्यों लिखी मनोज ने आगे यह भी बताया कि उन्होंने ये पोस्ट क्यों की? क्योंकि मेरे लिए आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है। मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूं, लेकिन इससे आपकी पीड़ा कम नहीं होगी। मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे। इसी सप्ताह वो फिल्म में शामिल किए जाएंगे। श्री राम आप सब पर कृपा करें!
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